Wednesday, 18 March 2020

अब बुलेटप्रूफ मंदिर में विराजेंगे रामलला, नवरात्र से पहले होगी स्थापना


अयोध्या में रामलला अब टेंट के स्थान पर बुलेटप्रूफ मंदिर में विराजमान होंगे। नवरात्र से पहले अस्थायी मंदिर में स्थापना होगी। इससे पूर्व 20 मार्च से अयोध्या और काशी के विद्वान अस्थायी मंदिर के शुद्धिकरण का कार्य शुरू कर देंगे। यह प्रक्रिया 24 मार्च तक पूरी होगी। रामनवमी मेले के दौरान काफी संख्या में श्रद्धालु अयोध्या में जुटने वाले हैं, इसे लेकर प्रशासन तैयारियों में जुटा हुआ है।
25 मार्च से शुरू हो रहे चैत्र नवरात्र के पहले दिन रामलला गर्भगृह से निकल कर अस्थायी फाइबर के बुलेटप्रूफ मंदिर में विराजेंगे। जहां रामभक्त रामलला का दर्शन कर सकेंगे। गर्भगृह के दक्षिण की तरफ रामलला के लिए अस्थाई मंदिर का निर्माण किया जा रहा है।
श्रीराम जन्मभूमि रामलला के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास का कहना है कि रामलला को शिफ्ट करने का काम चल रहा है जो 24 मार्च तक पूर्ण हो जाएगा। 25 मार्च को अस्थायी मंदिर में रामलला विराजेंगे और 25 मार्च चैत्र नवरात्र के पहले दिन रामलला की अस्थायी मंदिर में पूजा अर्चना शुरू हो जाएगी। अभी वर्तमान में बहुत कुछ काम हो गया है और कुछ काम बाकी है।
रामलला को जब अस्थायी विराजमान किया जाएगा तो उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ स्वयं रामलला के साथ उपस्थित रहेंगे।
जिस चबूतरे पर (रविवार से) फाइबर मंदिर की फिटिंग का काम शुरू हुआ है। वह 24 फीट लंबा और 17 फीट चौड़ा है.।जमीन से इसकी उंचाई साढ़े तीन फीट है। चबूतरे के चारों तरफ मजबूत एंगल का जालीदार सुरक्षा कवच भी तैयार हो रहा है।
अभी तक रामलला के दर्शन 52 फीट की दूरी से होते थे। लेकिन अब दूरी घटाई गई है। श्रद्धालु 20 फीट से दर्शन कर सकेंगे। साथ ही तीन तरफ से गुजरकर परिक्रमा भी कर सकेंगे। चबूतरे के किनारे 15 मीटर चौड़ा व 17 मीटर लंबा मार्ग दर्शन के लिए रखा गया है। 17 मीटर लंबी गैलरी में पूरब दिशा में रामलला का मुख रहेगा। वहीं से दर्शन व आरती की व्यवस्था रहेगी।

Tuesday, 17 March 2020

समाज में विघटन पैदा करने का प्रयास करने वाले जिहादी–वामपंथी गठजोड़ पर कार्रवाई हो

समाज में विघटन पैदा करने का प्रयास करने वाले जिहादी–वामपंथी गठजोड़ पर कार्रवाई हो


कार्यकारी मंडल की बैठक में आरएसएस ने राम मंदिर, सीएए, अनुच्छेद 370 पर पारित किए प्रस्ताव
बेंगलुरु. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय कार्यकारी मंडल की बैठक में राम मंदिर, अनुच्छेद 370 और नागरिकता संशोधन अधिनियम को लेकर संघ ने अपना मत स्पष्ट किया. कार्यकारी मंडल में तीनों विषयों पर प्रस्ताव पारित किए गए. इसके संबंध में सरकार्यवाह भय्याजी जोशी ने सोमवार को आयोजित प्रेस वार्ता में जानकारी दी. Covid19 को लेकर केंद्र व राज्य सरकार द्वारा जारी एडवाइज़री को ध्यान में रखते हुए प्रतिनिधि सभा को स्थगित कर दिया गया था. लेकिन कार्यकारी मंडल की कार्रवाई को पूरा किया गया. संघ के 95 वर्ष के इतिहास में पहली बार हुआ है कि प्रतिनिधि सभा की बैठक इस प्रकार स्थगित की गई हो.
नागरिकता संशोधन अधिनियम
कार्यकारी मंडल ने नागरिकता संशोधन अधिनियम 2019 पर पारित प्रस्ताव में कहा कि यह भारत का नैतिक व संवैधानिक दायित्व है. साथ ही समाज में विघटन पैदा करने का प्रयास करने वाली शक्तियों की निंदा की. प्रस्ताव में कहा कि जिहादी–वामपंथी गठजोड़, कुछ विदेशी शक्तियों तथा सांप्रदायिक राजनीति करने वाले स्वार्थी राजनैतिक दलों के समर्थन से, समाज के एक वर्ग में काल्पनिक भय एवं भ्रम का वातावरण उत्पन्न करके देश में हिंसा तथा अराजकता फैलाने का कुत्सित प्रयास कर रहा है. अखिल भारतीय कार्यकारी मंडल इन कृत्यों की कठोर शब्दों में निंदा करता है तथा संबंधित सरकारों से यह माँग करता है कि देश के सामाजिक सौहार्द एवं राष्ट्रीय एकात्मता को खंडित करने वाले तत्वों की समुचित जाँच कराकर उपयुक्त कार्रवाई करें.
कार्यकारी मंडल ने समाज के सभी वर्गों से कुत्सित प्रयासों को विफल करने का आग्रह किया. प्रस्ताव के माध्यम से सभी से आह्वान किया कि समाज के सभी वर्ग, विशेषकर जागरूक एवं जिम्मेदार नेतृत्व इस विषय को तथ्यों के प्रकाश में समझे एवं समाज में सौहार्दपूर्ण वातावरण बनाए रखने और राष्ट्रविरोधी षड्यंत्रों को विफल करने में सक्रिय भूमिका निभाए.
श्रीराम जन्मस्थान पर मंदिर निर्माण
कार्यकारी मंडल ने श्रीराम मंदिर पर पारित प्रस्ताव में कहा कि श्रीराम जन्मस्थान पर मंदिर निर्माण – राष्ट्रीय स्वाभिमान का प्रतीक है. संघ ने लंबे समय से लंबित मामले पर निर्णय देने पर मा. सर्वोच्च न्यायालय का अभिनंदन किया गया है. साथ ही न्यायालय में श्रीराम लला के पक्ष में समर्पण, निष्ठा, विद्वता के साथ तथ्यों को रखने वाले अधिवक्ताओं का भी अभिनंदन किया गया है. कार्यकारी मंडल ने समाज का भी अभिनंदन किया है. प्रस्ताव में कहा कि आनंद का विषय है कि समाज के किसी भी वर्ग ने इस निर्णय को अपनी जय या पराजय के रूप में न लेते हुए इसे देश, न्याय व संविधान की विजय के रूप में स्वीकार किया. कार्यकारी मंडल इस परिपक्वतापूर्ण व्यवहार के लिए संपूर्ण देश के नागरिकों का अभिनन्दन करता है. कार्यकारी मंडल ने विश्व इतिहास के इस महानतम आंदोलन के ज्ञात-अज्ञात बलिदानियों का पुण्यस्मरण कर श्रद्धांजलि अर्पित की.
अनुच्छेद 370 व जम्मू-कश्मीर का पुनर्गठन
कार्यकारी मंडल ने अनुच्छेद 370 पर पारित तीसरे प्रस्ताव में सरकार के निर्णय का स्वागत किया. कार्यकारी मंडल ने कहा कि – भारतीय संविधान के समस्त प्रावधान देश के सभी क्षेत्रों में समान रूप से लागू होने अपेक्षित थे, परन्तु विभाजन के तुरंत पश्चात् पाकिस्तानी आक्रमण की तात्कालिक एवं असाधारण परिस्थिति में अनुच्छेद 370 को एक अस्थायी प्रावधान के रूप में संविधान में जोड़ा गया. कालान्तर में अनुच्छेद 370 की आड़ में बड़ी संख्या में संविधान के अनुच्छेदों को जम्मू-कश्मीर राज्य में या तो लागू ही नहीं किया गया अथवा संशोधित रूप में लागू किया गया. राष्ट्रपति के आदेशों द्वारा अनुच्छेद 35A जैसे प्रावधानों को मनमाने रूप से संविधान में जोड़ने जैसे कदमों के कारण अलगाववाद के बीज बोये गए. इन संवैधानिक विसंगतियों के कारण अनुसूचित जाति, जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग, गोरखा, महिला, सफाई कर्मचारी तथा पश्चिमी पाकिस्तान से आए शरणार्थी आदि घोर भेदभाव का सामना कर रहे थे. जम्मू एवं लद्दाख क्षेत्र को राज्य विधानसभा में आनुपातिक प्रतिनिधित्व तथा संसाधनों के आवंटन और निर्णयप्रक्रिया में समुचित सहभागिता से वंचित कर दिया गया था. इन सभी गलत नीतियों के कारण हमने देखा कि राज्य में सर्वत्र कट्टरवाद व आतंकवाद की व्याप्ति तथा राष्ट्रीय शक्तियों की पूर्ण उपेक्षा दिखाई देने लगी.
कार्यकारी मंडल ने आशा व्यक्त की कि अब विस्थापितों एवं शरणार्थियों की अपेक्षाओं की भी शीघ्र पूर्ति होगी. कश्मीर घाटी के विस्थापित हिन्दू समाज के सुरक्षित एवं सम्मानपूर्ण पुनर्वसन की प्रक्रिया शीघ्रातिशीघ्र प्रारम्भ होगी.
कार्यकारी मंडल ने गत 70 वर्षों के दौरान देश की एकता एवं संप्रभुता की रक्षा के लिए शौर्य एवं प्रतिबद्धता का परिचय देकर अलगाववाद एवं आतंकवाद के विरुद्ध संघर्ष को जारी रखने वाले तथा अपने प्राण न्योछावर करने वाले सेना तथा सुरक्षा बलों के हजारों जवानों व अन्य विभूतियों को कृतज्ञतापूर्वक श्रद्धासुमन अर्पित किये.
बेंगलूरू से निकुंज सूद

Monday, 16 March 2020

वनवासी हिन्दू समाज को तोड़ने से बाज आए चर्च मिशनरी – मिलिंद परांडे

वनवासी हिन्दू समाज को तोड़ने से बाज आए चर्च मिशनरी – मिलिंद परांडे

भगवान बिरसा मुण्डा की पावन धरती को अत्याचारी मिशनरियों के चंगुल में नहीं फंसने देंगे
नई दिल्ली. विश्व हिन्दू परिषद् (विहिप) ने भगवान बिरसा मुंडा की पावन धरती पर वनवासी समाज की प्राचीन संस्कृति व स्वधर्म को तोड़ने तथा वनवासी बच्चों को बेचने के घृणित षड्यंत्र से ईसाई मिशनरियों को बाज आने की चेतावनी दी है. विहिप के केन्द्रीय महामंत्री मिलिंद परांडे ने कहा कि ईसाई मिशनरियां झारझंड में पूतना की तरह सुन्दर रूप रख कर भगवान कृष्ण के समान शक्तिशाली वनवासी समाज को धर्मांतरण के जहर से मारने की कुचेष्टा कर रही हैं. विहिप उनके इन कुटिल षड्यंत्रों को सफल नहीं होने देगी.
उन्होंने कहा कि वनवासी समाज के अनेक वीर महात्माओं ने समाज के सम्मान में विदेशी आक्रमणकारियों व विधर्मियों के विरुद्ध संघर्ष करते हुए वीर गति प्राप्त की. इनमें महाराणा प्रताप के साथ अकबर के विरुद्ध राणा पुंजा का संघर्ष, भील समाज के पूज्य गोविन्द गुरु जी का अंग्रेजों के विरुद्ध संघर्ष तथा 1857 में स्वतंत्रता सेनानी टाट्या भील का संघर्ष विश्व विख्यात है. भगवान बिरसा मुंडा ने तो हिन्दू समाज की रक्षार्थ ही इन्हीं ईसाइयों की जेल में ना सिर्फ यातनाएं झेलीं. अपितु, वनवासी समाज व स्वधर्म की रक्षार्थ संघर्ष करते हुए अपना सर्वस्व बलिदान कर दिया. झारखंड के वनवासियों को ईसाई मिशनरियों द्वारा, कुटिलतापूर्वक धर्मांतरण के कारण, हुए भीषण संघर्ष में, उनके इन महान बलिदानों को नहीं भूलना चाहिए.
उन्होंने कहा कि चर्च सीएए के नाम पर लोगों में भय व परस्पर घृणा का निर्माण करते हुए उन्हें भड़काने का कुचक्र रच रहा है. झारखंड के लोहरदगा सहित देशभर में सीएए विरोध के नाम पर हुई हिंसा भी इसी प्रकार के झूठ व दुष्प्रचार का ही परिणाम था. मिशनरियों सहित सम्पूर्ण सैक्यूलर गेंग को इससे बाज आना चाहिए.
विहिप महामंत्री ने आरोप लगाया कि वनवासी बच्चों को बेचे जाने की घटनाओं में संलिप्त ईसाई मिशनरी संस्थाओं को, जिन्हें इस कारण बंद कर दिया गया था, गत कुछ महीनों में पुन: चालू कर दिया गया है. यह बेहद चिंतनीय है. उन पर प्रतिबन्ध जारी रहना चाहिए.
मीडिया में प्रकाशित कुछ समाचारों के अनुसार हाल ही में रांची के आर्चबिशप फेलिक्स टोप्पो व सहायक बिशप थियोडोर मस्करेन्हस सहित ईसाई संस्थाओं व पादरियों का एक प्रतिनिधि मंडल झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से मिला है. इसने संसदीय कानून सीएए के साथ एनआरसी व एनपीआर का विरोध करते हुए, आगामी जनगणना सूची में, वनवासी समुदाय के लिए, सरना कोड को सामिल कर, उन्हें अपना अलग धर्म लिखने का विकल्प दिए जाने तक, एनपीआर स्थगित करने की मांग की है.

Friday, 13 March 2020

कोरोना वायरस से बचाव के उपाय

कोरोना वायरस की महामारी से समाज मे रोक लगाने के लिए जन जागरण गोष्ठी का आयोजन हुवा।

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ,मऊरानीपुर नगर (जिला झाँसी)

दिनांक-15 मार्च 2020 शाम 04 बजे
अपेक्षित- शाखाओं के मुख्य शिक्षक ,कार्यवाह समाज के प्रबुद्ध नागरिक

आगे के लिए तय किये हुवे कार्यक्रम- 

👉शाखा के बाद नित्य 1 घण्टे अपनी शाखा क्षेत्र में छोटी छोटी टोली बनाकर सम्पर्क कर के जागरूकता अभियान चलना।
👉अपनी-अपनी शाखा क्षेत्र में चिकित्सकों को बुला कर छोटी छोटी गोष्ठियों का आयोजन करना।

कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य- 

👉अपनी स्वयंसेवकों को कोरोना वायरस से बचाव की पूरी जानकारी देना जिससे समाज के लोगों को स्पष्ट जानकारी दे सकें और समाज मे फैल रहे भृम को दूर कर सकें।
👉नगर के प्रमुख चिकित्सकों को बुला कर सभी को कोरोना वायरस के लक्षण और उसके उपाये के बारे में समझाया गया

मुख्य वक्ता-डॉ एस बी एल पाण्डे जी
डॉ बी दी मोदी जी , डॉ जगदीश मिश्रा जी







सह जिला संघचालक जय प्रकाश जी गंगेले
नगर संघचालक  बलराम जी पाठक

संचालन -जिला प्रचार प्रमुख श्री डालचंद्र जी ने किया

समाज में सकारात्मक परिवर्तन के लिए लगभग 15 लाख स्वयंसेवकों को सक्रिय करेगा संघ – अरुण कुमार

समाज में सकारात्मक परिवर्तन के लिए लगभग 15 लाख स्वयंसेवकों को सक्रिय करेगा संघ – अरुण कुमार

बेंगलुरु. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख अरुण कुमार ने कहा कि गत समय में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने स्वयंसेवकों का सर्वेक्षण (समय की उपलब्धता व रुचि- क्षमता आदि) किया था, इसमें 30 वर्ष से अधिक आयु के 15 लाख स्वयंसेवकों से चर्चा हुई थी. ये सभी स्वयंसेवक समाज में सकारात्मक परिवर्तन तथा समाज की आवश्यकताओं को पूर्ण करने के लिए सक्रिय भूमिका अदा करें, इस पर प्रतिनिधि सभा में विशेष चर्चा होने वाली है. संघ इन स्वयंसेवकों को समाज की आवश्यकता के अनुसार कार्य में लगाएगा. उन्होंने कहा कि बैठक में समसामयिक विषयों पर भी चर्चा होती है तथा प्रतिनिधि भी आवश्यकतानुसार विभिन्न विषयों को उठा सकते हैं. सीएए व अन्य विषयों पर भी चर्चा हो सकती है।
अरुण कुमार शुक्रवार को बेंगलुरू में 15 से 17 मार्च तक होने वाली प्रतिनिधि सभा (जनसेवा विद्या केंद्र, बेंगलुरु) की बैठक से पूर्व मीडिया को जानकारी दे रहे थे. उन्होंने कहा कि अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा संघ की निर्णय लेने वाली सर्वोच्च ईकाई है. जिसकी बैठक वर्ष में एक बार होती है. प्रत्येक तीसरे वर्ष में (सरकार्यवाह चुनाव वर्ष) यह बैठक नागपुर में होती है. प्रतिनिधि सभा की बैठक का उद्घाटन 15 मार्च को प्रातः 8.30 बजे होगा।
उन्होंने बताया कि प्रतिनिधि सभा की बैठक में गत वर्ष के कार्य की समीक्षा के साथ ही आगामी वर्ष की योजना को लेकर भी चर्चा होगी. इसके अलावा विभिन्न प्रांतों, संगठनों से आए प्रतिनिधि अपनी उपलब्धियों एवं अपने अनुभवों को साझा करते हैं. 14 मार्च को अखिल भारतीय कार्यकारी मंडल की बैठक होगी, जिसमें प्रतिनिधि सभा की बैठक का एजेंडा (चर्चा के विषय, प्रस्तावित प्रस्ताव) निश्चित किये जाएंगे. कार्यकारी मंडल में प्रांत व क्षेत्र स्त्तर के मा. संघचालक, कार्यवाह, प्रचारक एवं अखिल भारतीय कार्यकारिणी के कार्यकर्ता उपस्थित रहेंगे. बैठक में आगामी वर्ष में आयोजित होने वाले संघ शिक्षा वर्गों, कार्यक्रमों को लेकर चर्चा होगी तथा अखिल भारतीय अधिकारियों के वर्ष के प्रवास भी तय होंगे।
प्रतिनिधि सभा की बैठक में 1500 कार्यकर्ता भाग लेंगे, जिसमें अ. भा. कार्यकारी मंडल के साथ देश के 44 प्रांतों से निर्वाचित प्रतिनिधि, विशेष आमंत्रित सदस्य, राष्ट्र सेविका समिति की कार्यकर्ता शामिल हैं. इनके अलावा 35 अनुषांगिक संगठनों के अध्यक्ष व महासचिव, विहिप के अध्यक्ष जस्टिस वीएस कोकजे, कार्यकारी अध्यक्ष आलोक कुमार, विद्यार्थी परिषद के अध्यक्ष सुबैय्या शणमुगम, भारतीय मजदूर संघ के अध्यक्ष साजी नारायण, विद्या भारती के अध्यक्ष रामकृष्ण राव, वनवासी कल्याण आश्रम के अध्यक्ष जगदेव उरांव, भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा, सक्षम के अध्यक्ष दयाल सिंह पवार व अन्य बैठक में आमंत्रित हैं।
बैठक के अंतिम दिन 17 मार्च को सरकार्यवाह भय्याजी जोशी अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा में लिए गए निर्णयों, पारित प्रस्तावों के बारे में विस्तार से जानकारी देंगे।
प्रेस ब्रीफिंग में अखिल भारतीय सह प्रचार प्रमुख नरेंद्र ठाकुर, दक्षिण मध्य क्षेत्र कार्यवाह तिप्पेस्वामी भी उपस्थित रहे।

Thursday, 12 March 2020

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्वयंसेवको ने जिले में निकाली सद्भावना साइकिल यात्रा

औरैया 12 मार्च। आज सद्भावना साइकिल यात्रा के साथ राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कार्यकर्ताओं ने शहर के निहाल कुटी संघ कार्यालय से 62 साइकिल सवार स्वयंसेवकों के साथ यात्रा निकाली जो शहर के विभिन्न स्थानों से होते हुए से होते हुये मंदिर पहुंची जहां पूजन अर्चन के साथ यह यात्रा आगे के लिए रवाना हुई । 

     पाता स्थित महामाई मंदिर पर पहुंचकर दर्शन और पूजन अर्चन के साथ यहां कार्यक्रम का समापन किया गया।  यह यात्रा 80 किमी तक की थी जिसमें स्वयंसेवककों में जबरदस्त उत्साह दिखाई दिया।

RSS द्वारा आयोजित यह कार्यक्रम समाज में सद्भावना के साथ होली के बाद एक दूसरे को आपस में जोड़ने का जहां परिचायक बना ,वहीं स्वयंसेवकों ने पूरे जोश के साथ उत्साह दिखाया जिससे एक बार फिर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कार्यकर्ताओं का जोश देखने लायक था जो जय श्रीराम का जोरदार उद्घोष करते हुए आगे बढ़ रहे थे। उल्लेखनीय है कि शहर स्थित निहाल कुटी कार्यालय से आज RSS के जिला प्रचारक पीयूष जी के नेतृत्व में संघ कार्यकर्ताओं ने एक साइकिल सद्भावना यात्रा निकाली जो शहर के सुभाष चौक, लेडी मार्केट, जेसीज चौराहा से वापस सुभाष चौराहा सहित विभिन्न स्थानों से होने के बाद गंतव्य की ओर रवाना हुई । इस साइकिल यात्रा में संघ के कार्यकर्ता साइकिल पर भगवा ध्वज लगाकर जय श्री राम का उद्घोष कर रहे थे और एक नए संदेश के साथ आगे बढ़ रहे थे। सेहुद स्थित मंदिर पर संघ के सभी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए जिला प्रचारक पीयूष जी ने कहा कि इस साइकिल यात्रा का मुख्य लक्ष्य है कि होली के बाद सद्भावना बढ़नी चाहिए, आपसी सौहार्द कायम रहना  चाहिए । उन्होंने कहा कि समाज में जो विसंगतियां हैं उन्हें दूर करके समाज को एकता के सूत्र में पिरोने का प्रयास लंबे समय से जो संघ के कार्यकर्ता करते आ रहे हैं उसे और मजबूती के साथ आगे बढ़ाना है। इस मौके पर उनका यह भी कहना था कि संघ ने हमेशा राष्ट्रीय एकता के साथ देश की संप्रभुता के लिए लोगों को जोड़ने का काम किया है और संघ का हर कार्यकर्ता हमेशा इसी भावना के साथ समर्पित भाव से कार्य करता है । उन्होंने इसी के साथ सभी कार्यकर्ताओं को इस बात के लिए बधाई दी कि उन्होंने एक सूचना पर इस तरह के कार्यक्रम में पूरी तत्परता के साथ सहयोग किया । यह सद्भावना साइकिल यात्रा यहां से चलकर दिबियापुर पहुंची उसके बाद बैसुन्धरा, पाता होते हुए महामाई मंदिर पहुंची जहां सभी संघ कार्यकर्ताओं ने माता के मंदिर में माथा टेककर देश की खुशहाली और आपसी सौहार्द के लिए प्रार्थना की । यहां कार्यक्रम का समापन खंड संघचालक अनिल पाण्डेय जी द्वारा किया गया ।

       साइकिल सद्भावना यात्रा में मुख्य रूप से जिला प्रचारक पीयूष जी, जीवाराम जी सहबौद्धिक प्रमुख,वीरेंद्र जी,हिमांशु जी,आयुष,विमल,मोहित, तेजेन्द्र, नितिन प्रताप,पंकज जी नगर कार्यवाह औरैया, रमेश जी खण्ड कार्यवाह अजीतमल, अतुल जी अजीतमल सहित कई प्रमुख संघ कार्यकर्ता शामिल रहे।